प्रिय दोस्तों मै आज आपके लिए लेकर आया हूँ Hindi Essay On Mahatma Gandhi | हमारा ये लेख बहुत ही रोचक और ज्ञानवर्दक है | इन प्रस्ताव से हमें जीवन की नैतिक शिक्षा का ज्ञान होता है | आईये शुरू करते है Hindi Essay On Mahatma Gandhi . हमारे ये प्रस्ताव आपके स्कूल के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है |
महात्मा गांधी – Hindi Essay On Mahatma Gandhi ✍
गांधीजी इस युग के महानतम व्यक्ति थे। उन्होंने भारत को ही नहीं, अपितु संसार की पीड़ित मानवता को सत्य व अहिंसा का अमोघ शस्त्र देकर विश्व को शांति का पाठ पढ़ाया। काठियावाड़ के अंतर्गत पोरबंदर में करमचंद गांधी पहले पोरबंदरफिर राजकोट और बीकानेर राज्य में दीवान पद पर रहे। उनकी पत्नी पुतलीबाई बड़ी साधु और धर्मनिष्ठ स्वभाववाली थीं। इसी दंपती के यहाँ 2 अक्तूबर, 1869 को बालक मोहनदास गांधी का जन्म हुआ। माता की आस्तिकता तथा सत्यपरायणता की बड़ी गहरी छाप बालक पर पड़ी। बाल्यकाल में साधारण शिक्षा हुई । बुद्धि भी विशेष तीव्र न थी। संकोचशील होने के कारण वे और भी अधिक साधारण श्रेणी के प्रतीत होते थे, किंतु वे सत्यनिष्ठ थे।
महात्मा गाँधी शिक्षा दीक्षा – Hindi Essay On Mahatma Gandhi 📃
गांधीजी बचपन में बड़े शांत और सरल प्रवृत्ति के थे। किसी से बात करना गांधीजी को न सुहाता । उन्होंने मैट्रिक किया पास था और उनके कुटुंबियों ने केवल तेरह वर्ष की आयु में उनका विवाह कर दिया। उनको बैरिस्टरी पास करने के लिए विलायत भेज दिया गया।
भारत लौटने पर उन्होंने अपनी वकालत आरंभ की और एक मुकदमे के लिए दक्षिण अफ्रीका को प्रस्थान किया। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों की दयनीय दशा देखी। वह भारतीयों के साथ पशुओं जैसा व्यवहार किया जाता था। गोरों और कालों के भेद ने गांधी के हृदय में ज्वाला-सी उत्पन्न की। गांधीजी ने वैधानिक ढंग से युद्ध छेड़ दिया और नवीन किन्तु अमोघ सत्याग्रह का शस्त्र अपनाया ।
गांधीजी दक्षिण अफ्रीका में – Hindi Essay On Mahatma Gandhi 🎀
दक्षिण अफ्रीका में गांधीजी जनप्रिय तो हो ही चुके , फिर भारतीय राजनीति भी उनका स्वागत करने के लिए तैयार खड़ी थी। लोकमान्य तिलक और गोखले भी मैदान में थे। गांधीजी भारतीय स्वतंत्रता के वीर सेनानी बन गए और शनै-शनै: भारतीय राजनीति के अगुआ बन गए।
सन् 1914 के महायुद्ध में भारत को स्वतंत्रता देने की शर्त पर गांधीजी ने ब्रिटिश सरकार को सहयोग दियाकिंतु युद्ध के बाद अंग्रेजों ने भारत को रोलेट एक्ट और जलियाँवाला कांड आदि ही पुरस्कार में दिए।
गांधीजी का संग्राम – Hindi Essay On Mahatma Gandhi 🧗♂️
नमक सत्याग्रह के पश्चात् आपको 1931 में गोलमेज कॉन्फ्रेंस में आमंत्रित किया गया। 1937 में आपकी सहमति से कांग्रेस ने विभिन्न प्रांतों में अपने मंत्रिमंडल बनाए और 1939 के महायुद्ध में भारतीयों की सहमति लिये बिना अंग्रेजों ने भारत को युद्ध में सम्मिलित राष्ट्र घोषित कर दिया। गांधीजी ने इसका विरोध किया। वह सांप्रदायिकता के कट्टर शत्रु थे। उन्होंने प्राणों की बाजी लगाकर सांप्रदायिकता की जड़ को हिला दिया। 1942 में उन्होंने जो आंदोलन छेड़ा, उससे अंग्रेजों ने मन में समझ लिया कि अब हमें भारत से जाना ही होगा। गांधीजी की नीति की विजय हुई और 1947 में भारत स्वतंत्र हुआ।
गांधीजी की हत्या – Hindi Essay On Mahatma Gandhi 🌾
30 जनवरी 1948 की संध्या को नाथूराम गोडसे ने रिवाल्वर की तीन गोलियों से भारत के महान् संतविश्व की पीड़ित मानवता के एकमात्र सहारे और विश्व के महानतम व्यक्ति को इस संसार से विदा कर दिया। जवाहरलाल नेहरू के शब्दों में, ‘प्रकाश बुझा नहीं क्योंकि वह तो हजारों-लाखों व्यक्तियों के हदय को प्रकाशित कर चुका था।
गांधीजी नेता विचारक और आध्यात्मिक पुरुष थे। वह हमें स्वतंत्र करा गए | संसार को शांति और सत्य का मार्ग बता गए तथा भारत की कीर्ति को विश्व में फैला गए। उनकी मृत्यु से संसार के सभी इंडे झुक गए। सभी ने उनको श्रद्धांजलियाँ दीं। वे अमर हो गए और भारत की कीर्ति को अमर कर गए। वे इस युग के सबसे महान् पुरुष थे, यद्यपि शारीरिक गठन के नाते अत्यंत क्षीण थे तथा उनकी आकृति से कोई भी गुण प्रकट नहीं होता था।
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उन्होंने शताब्दियों से सोए हुए भारतवर्ष को जाग्रत किया तथा देश में आत्मसम्मान की लहर दौड़ाई। वे सत्य तथा अहिंसा के पक्षपाती थे। उनका चरित्र केवल भारतवासियों के लिए ही नहीं, अपितु विदेशियों
के लिए भी अनुकरणीय है। भारत को एक महान् राष्ट्र बनानेवाले वे ही थे। इसीलिए वे राष्ट्रपिता अथवा बापू कहलाए।
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